Thursday 11 August 2016

असहिष्णुता/राष्ट्रवाद/मीडिया


🌷लोकतंत्र को खतरा अब चौथे स्तंभ से भी🌷

आज कलम का कागज से मै दंगा करने वाला हुँ
मीडिया की सच्चाई को मै नंगा करने वाला हुँ ।

मीडिया जिसको लोकतंत्र का चौंथा खंभा होना था
खबरों की पावनता में जिसको पावन गंगा होना था।

आज वही दिखता है हमको वैश्या के किरदारों में
बिकने को तैयार खड़ा है गली चौक नंगी बाजारों में।

दाल में काला होता है तुम पुरी काली दाल दिखाते हो,,
सुरा सुंदरी उपहारों की तुमसब खुब मलाई खाते हो।

गले मिले सलमान से आमिर ये खबरों का स्तर है,
और दिखाते इंद्राणी का कितने फिट का बिस्तर है।

म्यॉमार में सेना के साहस का खंडन करते हो,
और हमेशा दाउद का तुम महिमा मंडन करते हो।

हिन्दु कोई मर जाए तो घर का मसला कहते हो,
मुसलमान की मौत को मानवता पे हमला कहते हो।

लोकतंत्र की संप्रभुता पर तुमने मारा चाटा है,,
सबसे ज्यादा तुमने हिन्दु मुसलमान को बॉंटा है।

साठ साल की लूट पे भारी एक सुट दिखलाते हो,
ओवैशी को भारत का तुम रॉबिनहुड दिखलाते हो।

दिल्ली में जब पापी वहशी चीरहरण में लगे रहे,
तुम ऐश्वर्या की बेटी के नामकरण में लगे रहे ।

ये दुनिया अब,सब समझ रही है खेल ये बेहद गंदा है,
मीडिया हाउस और नही कुछ ब्लैकमेलिंग का धंधा है।

गुंगे की आवाज बनो तुमसब अंधे की लाठी हो जाओ
सत्य लिखो निष्पक्ष लिखो और फिर से तुम जिंदा हो जाओ.....
फिर से जिंदा........

🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀

                    🌷🌷🌷🌷🌷

दिल्ली दानव सी लगती है, जन्नत लगे कराची है, 
जिनकी कलम तवायफ़ बनकर दरबारों में नाची है...!!! . 
डेढ़ साल में जिनको लगने लगा देश दंगाई है, पहली बार देश के अंदर नफरत सी दिखलायी है...!!! . 
पहली बार दिखी हैं लाशें पहली बार बवाल हुए, पहली बार मरा है मोमिन पहली बार सवाल हुए...!!! 
नेहरू से नरसिम्हा तक भारत में शांति अनूठी थी, 
पहली बार खुली हैं आँखे, अब तक शायद फूटी थीं...!!! 
एक नयनतारा है जिसके नैना आज उदास हुए, जिसके मामा लाल जवाहर, जिसके रुतबे ख़ास हुए...!!! 
पच्चासी में पुरस्कार मिलते ही अम्बर में झूल गयी, 
रकम दबा सरकारी, चौरासी के दंगे भूल गयी...!!! 
भुल्लर बड़े भुलक्कड़ निकले, व्यस्त रहे रंगरलियों में, 
मरते कश्मीरी पंडित नज़र न आये काश्मीर की गलियों में...!!! 
अब अशोक जी शोक करे हैं, बिसहाडा के पंगो पर, 
आँखे इनकी नही खुली थी भागलपुर के दंगो पर...!!! 
आज दादरी की घटना पर सब के सब ही रोये हैं, 
जली गोधरा ट्रेन मगर तब चादर ताने सोये हैं...!!! 
छाती सारे पीट रहे हैं अखलाकों की चोटों पर, कायर बनकर मौन रहे जो दाऊद के विस्फोटों पर...!!! 
ना तो कवि, ना कथाकार, ना कोई शायर लगते हैं, 
मुझको ये आनंद भवन के नौकर चाकर लगते हैं...!!! . 
दिनकर, प्रेमचंद, भूषण की जो चरणों की धूल नहीं, 
इनको कह दूं कलमकार, कर सकता ऐसी भूल नहीं...!!! 
चाटुकार, मौका परस्त हैं, कलम गहे खलनायक हैं, 
सरस्वती के पुत्र नही हैं, साहित्यिक नालायक हैं...!!!!!!!

                   🌷🌷🌷🌷🌷

गजनी का है तुम में खून भरा जो तुम अफजल के गुण गाते हो,
जिस देश में तुमने जन्म लिया उसको दुश्मन बतलाते हो !
भाषा की कैसी आजादी जो तुम भारत माँ का अपमान करो,
अभिव्यक्ति का ये कैसा रूप जो तुम देश की इज्जत नीलाम करो !
अफजल को अगर शहीद कहते हो तो हनुमनथप्पा क्या कहलाएगा,
कोई इनके रहनुमाओं का मजहब मुझको बतलाएगा।
अपनी माँ से जंग करके ये कैसी सत्ता पाओगे,
जिस देश के तुम गुण गाते हो, वहाँ बस काफिर कहलाओगे
हम तो अफजल को मारेंगे तुम अफजल फिर से पैदा कर लेना,
तुम जैसे नपुंसकों पे भारी पड़ेगी ये भारत की सेना ।
तुम ललकारो और हम न आएं ऐसे बुरे हालात नहीं
भारत को बर्बाद करो इतनी भी तुम्हारी औकात नहीं।
कलम पकड़ने वाले हाथों को बंदूक उठाना न पड़ जाए,
अफजल के लिए लड़ने वाले कहीं हमारे हाथों न मर जाएं,
भगतसिंह और आजाद की इस देश में कमी नहीं,
बस एक इंकलाब होना चाहिए,
इस देश को बर्बाद करने वाली हर आवाज दबनी चाहिए,
ये देश तुम्हारा है, ये देश हमारा है, हम सब इसका सम्मान करें,
जिस मिट्टी पे जनम लिया उसपे हम अभिमान करें, जय हिन्द !

      🌷एक सैनिक की गाथा 🌷

जब युद्ध में वीरगति प्राप्त करता है तो अपने साथी से क्या 
कहता है एक सैनिक .......

साथी घर जाकर मत कहना, संकेतो में बतला देना;
यदि हाल मेरी माता पूछे तो, जलता दीप बुझा देना!
इतने पर भी न समझे तो, दो आंसू तुम छलका देना!!

साथी घर जाकर मत कहना, संकेतो में बतला देना;
यदि हाल मेरी बहना पूछे तो, सूनी कलाई दिखला देना!
इतने पर भी न समझे तो, राखी तोड़ दिखा देना !!

साथी घर जाकर मत कहना, संकेतो में बतला देना;
यदि हाल मेरी पत्नी पूछे तो, मस्तक तुम झुका लेना!
इतने पर भी न समझे तो, मांग का सिन्दूर मिटा देना!!

साथी घर जाकर मत कहना, संकेतो में बतला देना;
यदि हाल मेरे पिता पूछे तो, हाथों को सहला देना!
इतने पर भी न समझे तो, लाठी तोड़ दिखा देना!!

साथी घर जाकर मत कहना, संकेतो में बतला देना;
यदि हाल मेरा बेटा पूछे तो, सर उसका तुम सहला देना!
इतने पर भी ना समझे तो, सीने से उसको लगा लेना!!

साथी घर जाकर मत कहना, संकेतो में बतला देना;
यदि हाल मेरा भाई पूछे तो, खाली राह दिखा देना!
इतने पर भी ना समझे तो, सैनिक धर्म बता देना!!

पठानकोट में शहीद हमारे देश के वीर जवानों को समर्पित
देश के वीर लालो को मेरा शत शत नमन 🙏 🙏 🙏
जय हिन्द जय भारत .......

                    🌷🌷🌷🌷🌷











































विचारोत्तेजक लेख

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जब भी बात उठती है धर्म निरपेक्षता की तो हिन्दुओं के साथ सौतेला व्यवहार होता क्यों दिखता है ? क्या धर्म निरपेक्षता का अर्थ भारत में केवल एक विशेष धर्म का तुष्टिकरण ही है ? धर्मनिरपेक्षता जैसे सुन्दर शब्द आज भारत में अपने स्वार्थ के लिए ऐसा तोड़ा मरोड़ा गया कि देश के अधिकांश हिन्दुओं के लिए यह मात्र घृणा का शब्द बन गया . आज धर्म निरपेक्षता को लेकर हिन्दुओं में सर्वाधिक घृणा उत्पन होती है . ऐसी बात नहीं है कि हिन्दू धार्मिक कट्टरता से ओत प्रोत हैं परन्तु जब वोट बैंक की राजनीति के कारण हिन्दुओं के साथ दोयम दर्जे के नागरिक की तरह व्यवहार किया जाता है तो देश की बहुसंख्यक की भावनाओं में उबाल आने लगता है .  स्वभाव से अहिंसक और शांत रहे हिन्दुओं की भी भावनाएं मृतप्राय हो चुकी है ऐसा नहीं कहा जा सकता . पर कुछ हिन्दू सेक्युलर शासकों के द्वारा हिन्दुओं की भावनाओं को कुचलने का पूर्ण प्रयत्न किया जा रहा है . हिन्दुओं में सबसे बड़ी कमी है हिन्दू एकता की . यह एकता शायद ही कभी जागती है . इसी सन्दर्भ में मैं यदि यह कहूँ कि भाजपा को हिन्दू समर्थित दल समझ कर उसके प्रसार को रोकने के लिए सभी स्थान पर हिन्दुओं की भावनाओं को दबाया जा रहा है और मुसलमानों को आवश्यकता से अधिक छुट दी जा रही है तो कोई अनुचित नहीं होगा . भाजपा से सभी हिन्दुओं का लेना देना है ऐसा नहीं है पर कोई हिन्दू यदि अपने धर्म को लेकर कट्टर दिखता है तो उसे सीधे भाजपा या आर एस एस से जोड़ कर देखा जाता है . दादरी काण्ड को कुछ इस तरह प्रचारित और प्रसारित किया गया जैसे सारे हिन्दुओं ने कितना बड़ा जुर्म कर दिया देश में असहिष्णुता फ़ैल जाने का बवाल मच गया . पर कभी किसी सेक्युलर हिन्दू या मुसलमानों ने यह नहीं कहा कि वन्दे मातरम् और जन गण का अपमान जो मुसलमानों के द्वारा किया जा रहा है वह गलत है . मुस्लिम तुष्टिकरण से सींची गई भारतीय राजनीति ने आज देश को संकट की स्थिति में ला छोड़ा है . इसी मुस्लिम तुष्टिकरण के कारण मालदा काण्ड हो गया फिर पूर्णिया काण्ड हुआ थाने जलाए गए हिन्दुओं की संपत्ति को नुकसान पहुँचाया गया पर धर्मनिरपेक्षता के पहरेदारों ने इसके विरुद्ध बोलने की कोई जहमत भी नहीं उठाई . कभी ऐसे ही स्वार्थी तत्वों ने मुस्लिम आक्रमणकारियों को दावत देकर देश को उनका गुलाम बनाया , ऐसे ही स्वार्थी तत्वों ने अंग्रेजों को भी दावत दी थी , ऐसे ही स्वार्थी तत्वों ने स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात देश में मुसलमानों को रहने के लिए निर्णय लेकर इस देश को सदैव घृणा की अग्नि में जलने के लिए छोड़ दिया और ऐसे ही स्वार्थी तत्वों ने देश के संविधान में धारा ३७० , हिन्दू कोड मुस्लिम कोड रख कर देश में बंटवारे की लकीर खींच दी परिणामतः जहाँ-जहाँ मुसलमान बहुसंख्यक होने लगें वहाँ वहाँ खतरे की घंटी बजने लगी।

                    🌷🌷🌷🌷🌷

एक नेता जी की बीवी का Rape हो रहा था तो वो नेता जी भागकर अंदर गए और चरखा उठा लाए और चलाने लगे।
बीवी को गुस्सा आया और वो चिल्लाई
तुम पागल हो क्या ये गुंडा मेरा rape कर रहा है और तुम चरखा चला रहे हो???
तो पति बोला चरखे से तो अंग्रेज भाग गए फिर ये किस खेत की मूली है ये भी भाग जाएगा
ये कहकर नेता जी चरखा और जोर से चलाने लगे
जब तक वो गुंडा उस नारी के साथ और ज्यादा बदतमीजी करता रहा
बीवी रोती हुई गुस्से में पति से बोली छोड़ो ये चरखा और pls मुझे बचाओ
ये सुनकर पति ने चरखा side में पटका और
उठकर बलात्कारी के निकट गया और पूरी विनम्रता से बोला
मेरी पत्नी को छोड़ दीजिये
इतना सुनते ही उस गुंडे ने पति को एक खींचके झापड़ मार दिया
तो पति ने दूसरा गाल आगे कर दिया और फिर बोला Pls मेरी बीवी को छोड़ दीजिये
उस गुंडे ने दूसरे गाल पे भी एक कसके झापड़ मार दिया
पति बेहोश हो गया
इतने में एक भगत सिंह नाम का वीर वहाँ से गुजरा उसने जब चीख पुकार सुनी तो वो अंदर गया और उस महिला को बचाने के लिए गुंडे से भिड़ गया और आखिर में उस गुंडे को भगा दिया
उस औरत ने भगत सिंह को धन्यवाद दिया और वो शेर वहाँ से निकल पाता उससे पहले ही शोर सुनकर पुलिस वहाँ पहुंची तो पत्नी ने सारा क्रेडिट अपने पति को दे दिया और दोनों लाल गाल बहादुरी के सबूत के तौर पर पति ने दिखा दिए
पुलिस ने उस पति को वीरता चक्र दिया और भगत सिंह को पकड़ के गुंडागर्दी करने के आरोप में जेल में डाल दिया
नोट:-इस घटना का इतिहास से कोई लेना देना नही है।

कैसे मैं सम्मान करुँ गाँधी वाली सीखो का...!! 
मै तो कर्जदार हूँ भगत_सिंह की चीखो का...

कितने झुले थे फाँसी पर और कितनों ने गोली खाई थी
क्यों झुठ बोलते हो साहब कि चरखा चलाने से आजादी आई थी ॥


            🌷मनुस्मृति और मनुवाद🌷

मनुवाद क्या है और क्या है मनुस्मृति?
  
आभार आचार्य डॉ. संजय देव जी का 

मनु कहते हैं- जन्मना जायते शूद्र: कर्मणा द्विज उच्यते। अर्थात जन्म से सभी शूद्र होते हैं और कर्म से ही वे ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र बनते हैं। वर्तमान दौर में ‘मनुवाद’ शब्द को नकारात्मक अर्थों में लिया जा रहा है। ब्राह्मणवाद को भी मनुवाद के ही पर्यायवाची के रूप में उपयोग किया जाता है। वास्तविकता में तो मनुवाद की रट लगाने वाले लोग मनु अथवा मनुस्मृति के बारे में जानते ही नहीं है या फिर अपने निहित स्वार्थों के लिए मनुवाद का राग अलापते रहते हैं। दरअसल, जिस जाति व्यवस्था के लिए मनुस्मृति को दोषी ठहराया जाता है, उसमें जातिवाद का उल्लेख तक नहीं है। 

क्या है मनुवाद : जब हम बार-बार मनुवाद शब्द सुनते हैं तो हमारे मन में भी सवाल कौंधता है कि आखिर यह मनुवाद है क्या? महर्षि मनु मानव संविधान के प्रथम प्रवक्ता और आदि शासक माने जाते हैं। मनु की संतान होने के कारण ही मनुष्यों को मानव या मनुष्य कहा जाता है। अर्थात मनु की संतान ही मनुष्य है। सृष्टि के सभी प्राणियों में एकमात्र मनुष्य ही है जिसे विचारशक्ति प्राप्त है। मनु ने मनुस्मृ‍ति में समाज संचालन के लिए जो व्यवस्थाएं दी हैं, उसे ही सकारात्मक अर्थों में मनुवाद कहा जा सकता है। 

मनुस्मृति : समाज के संचालन के लिए जो व्यवस्थाएं दी हैं, उन सबका संग्रह मनुस्मृति में है। अर्थात मनुस्मृति मानव समाज का प्रथम संविधान है, न्याय व्यवस्था का शास्त्र है। यह वेदों के अनुकूल है। वेद की कानून व्यवस्था अथवा न्याय व्यवस्था को कर्तव्य व्यवस्था भी कहा गया है। उसी के आधार पर मनु ने सरल भाषा में मनुस्मृति का निर्माण किया। वैदिक दर्शन में संविधान या कानून का नाम ही धर्मशास्त्र है। महर्षि मनु कहते है- धर्मो रक्षति रक्षित:। अर्थात जो धर्म की रक्षा करता है, धर्म उसकी रक्षा करता है। यदि वर्तमान संदर्भ में कहें तो जो कानून की रक्षा करता है कानून उसकी रक्षा करता है। कानून सबके लिए अनिवार्य तथा समान होता है।

जिन्हें हम वर्तमान समय में धर्म कहते हैं दरअसल वे संप्रदाय हैं। धर्म का अर्थ है जिसको धारण किया जाता है और मनुष्य का धारक तत्व है मनुष्यता, मानवता। मानवता ही मनुष्य का एकमात्र धर्म है। हिन्दू मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध, सिख आदि धर्म नहीं मत हैं, संप्रदाय हैं। संस्कृत के धर्म शब्द का पर्यायवाची संसार की अन्य किसी भाषा में नहीं है। भ्रांतिवश अंग्रेजी के ‘रिलीजन’ शब्द को ही धर्म मान लिया गया है, जो कि नितांत गलत है। इसका सही अर्थ संप्रदाय है। धर्म के निकट यदि अंग्रेजी का कोई शब्द लिया जाए तो वह ‘ड्यूटी’ हो सकता है। कानून ड्‍यूटी यानी कर्तव्य की बात करता है।

मनु ने भी कर्तव्य पालन पर सर्वाधिक बल दिया है। उसी कर्तव्यशास्त्र का नाम मानव धर्मशास्त्र या मनुस्मृति है। आजकल अधिकारों की बात ज्यादा की जाती है, कर्तव्यों की बात कोई नहीं करता। इसीलिए समाज में विसंगतियां देखने को मिलती हैं। मनुस्मृति के आधार पर ही आगे चलकर महर्षि याज्ञवल्क्य ने भी धर्मशास्त्र का निर्माण किया जिसे याज्ञवल्क्य स्मृति के नाम से जाना जाता है। अंग्रेजी काल में भी भारत की कानून व्यवस्था का मूल आधार मनुस्मृति और याज्ञवल्क्य स्मृति रहा है। कानून के विद्यार्थी इसे भली-भांति जानते हैं। राजस्थान हाईकोर्ट में मनु की प्रतिमा भी स्थापित है
मनुस्मृति में दलित विरोध : मनुस्मृति न तो दलित विरोधी है और न ही ब्राह्मणवाद को बढ़ावा देती है। यह सिर्फ मानवता की बात करती है और मानवीय कर्तव्यों की बात करती है। मनु किसी को दलित नहीं मानते। दलित संबंधी व्यवस्थाएं तो अंग्रेजों और आधुनिकवादियों की देन हैं। दलित शब्द प्राचीन संस्कृति में है ही नहीं। चार वर्ण जाति न होकर मनुष्य की चार श्रेणियां हैं, जो पूरी तरह उसकी योग्यता पर आधारित है। प्रथम ब्राह्मण, द्वितीय क्षत्रिय, तृतीय वैश्य और चतुर्थ शूद्र। वर्तमान संदर्भ में भी यदि हम देखें तो शासन-प्रशासन को संचालन के लिए लोगों को चार श्रेणियों- प्रथम, द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ श्रेणी में बांटा गया है। मनु की व्यवस्था के अनुसार हम प्रथम श्रेणी को ब्राह्मण, द्वितीय को क्षत्रिय, तृतीय को वैश्य और चतुर्थ को शूद्र की श्रेणी में रख सकते हैं। जन्म के आधार पर फिर उसकी जाति कोई भी हो सकती है। मनुस्मृति एक ही मनुष्य जाति को मानती है। उस मनुष्य जाति के दो भेद हैं। वे हैं पुरुष और स्त्री।  

मनु कहते हैं- ‘जन्मना जायते शूद्र:’ अर्थात जन्म से तो सभी मनुष्य शूद्र के रूप में ही पैदा होते हैं। बाद में योग्यता के आधार पर ही व्यक्ति ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य अथवा शूद्र बनता है। मनु की व्यवस्था के अनुसार ब्राह्मण की संतान यदि अयोग्य है तो वह अपनी योग्यता के अनुसार चतुर्थ श्रेणी या शूद्र बन जाती है। ऐसे ही चतुर्थ श्रेणी अथवा शूद्र की संतान योग्यता के आधार पर प्रथम श्रेणी अथवा ब्राह्मण बन सकती है। हमारे प्राचीन समाज में ऐसे कई उदाहरण है, जब व्यक्ति शूद्र से ब्राह्मण बना। मर्यादा पुरुषोत्तम राम के गुरु वशिष्ठ महाशूद्र चांडाल की संतान थे, लेकिन अपनी योग्यता के बल पर वे ब्रह्मर्षि बने। एक मछुआ (निषाद) मां की संतान व्यास महर्षि व्यास बने। आज भी कथा-भागवत शुरू होने से पहले व्यास पीठ पूजन की परंपरा है। विश्वामित्र अपनी योग्यता से क्षत्रिय से ब्रह्मर्षि बने। ऐसे और भी कई उदाहरण हमारे ग्रंथों में मौजूद हैं, जिनसे इन आरोपों का स्वत: ही खंडन होता है कि मनु दलित विरोधी थे।

ब्राह्मणोsस्य मुखमासीद्‍ बाहु राजन्य कृत:।
उरु तदस्य यद्वैश्य: पद्मयां शूद्रो अजायत। (ऋग्वेद) 
अर्थात ब्राह्णों की उत्पत्ति ब्रह्मा के मुख से, भुजाओं से क्षत्रिय, उदर से वैश्य तथा पांवों से शूद्रों की उत्पत्ति हुई। दरअसल, कुछ अंग्रेजों या अन्य लोगों के गलत भाष्य के कारण शूद्रों को पैरों से उत्पन्न बताने के कारण निकृष्ट मान लिया गया, जबकि हकीकत में पांव श्रम का प्रतीक हैं। ब्रह्मा के मुख से पैदा होने से तात्पर्य ऐसे व्यक्ति या समूह से है जिसका कार्य बुद्धि से संबंधित है अर्थात अध्ययन और अध्यापन। आज के बुद्धिजीवी वर्ग को हम इस श्रेणी में रख सकते हैं। भुजा से उत्पन्न क्षत्रिय वर्ण अर्थात आज का रक्षक वर्ग या सुरक्षाबलों में कार्यरत व्यक्ति। उदर से पैदा हुआ वैश्य अर्थात उत्पादक या व्यापारी वर्ग। अंत में चरणों से उत्पन्न शूद्र वर्ग। 

यहां यह देखने और समझने की जरूरत है कि पांवों से उत्पन्न होने के कारण इस वर्ग को अपवित्र या निकृष्ट बताने की साजिश की गई है, जबकि मनु के अनुसार यह ऐसा वर्ग है जो न तो बुद्धि का उपयोग कर सकता है, न ही उसके शरीर में पर्याप्त बल है और व्यापार कर्म करने में भी वह सक्षम नहीं है। ऐसे में वह सेवा कार्य अथवा श्रमिक के रूप में कार्य कर समाज में अपने योगदान दे सकता है। आज का श्रमिक वर्ग अथवा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मनु की व्यवस्था के अनुसार शूद्र ही है। चाहे वह फिर किसी भी जाति या वर्ण का क्यों न हो।
वर्ण विभाजन को शरीर के अंगों को माध्यम से समझाने का उद्देश्य उसकी उपयोगिता या महत्व बताना है न कि किसी एक को श्रेष्ठ अथवा दूसरे को निकृष्ट। क्योंकि शरीर का हर अंग एक दूसरे पर आश्रित है। पैरों को शरीर से अलग कर क्या एक स्वस्थ शरीर की कल्पना की जा सकती है? इसी तरह चतुर्वण के बिना स्वस्थ समाज की कल्पना भी नहीं की जा सकती।
  
ब्राह्मणवाद की हकीकत : ब्राह्मणवाद मनु की देन नहीं है। इसके लिए कुछ निहित स्वार्थी तत्व ही जिम्मेदार हैं। प्राचीन काल में भी ऐसे लोग रहे होंगे जिन्होंने अपनी अयोग्य संतानों को अपने जैसा बनाए रखने अथवा उन्हें आगे बढ़ाने के लिए लिए अपने अधिकारों का गलत इस्तेमाल किया होगा। वर्तमान संदर्भ में व्यापम घोटाला इसका सटीक उदाहरण हो सकता है। क्योंकि कुछ लोगों ने भ्रष्टाचार के माध्यम से अपनी अयोग्य संतानों को भी डॉक्टर बना दिया।

हमारे संविधान में कहीं नहीं लिखा भ्रष्ट तरीके अपनाकर अपनी अयोग्य संतानों को आगे बढाएं। इसके लिए तत्कालीन समाज या फिर व्यक्ति ही दोषी हैं। उदाहरण के लिए संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर ने संविधान में आरक्षण की व्यवस्था 10 साल के लिए की थी, लेकिन बाद में राजनीतिक स्वार्थों के चलते इसे आगे बढ़ाया जाता रहा। ऐसे में बाबा साहेब का क्या दोष? 

मनु तो सबके लिए शिक्षा की व्यवस्था अनिवार्य करते हैं। बिना पढ़े लिखे को विवाह का अधिकार भी नहीं देते, जबकि वर्तमान में आजादी के 70 साल बाद भी देश का एक वर्ग आज भी अनपढ़ है। मनुस्मृति को नहीं समझ पाने का सबसे बड़ा कारण अंग्रेजों ने उसके शब्दश: भाष्य किए। जिससे अर्थ का अनर्थ हुआ। पाश्चात्य लोगों और वामपंथियों ने धर्मग्रंथों को लेकर लोगों में भ्रांतियां भी फैलाईं। इसीलिए मनुवाद या ब्राह्मणवाद का हल्ला ज्यादा मचा।

मनुस्मृति या भारतीय धर्मग्रंथों को मौलिक रूप में और उसके सही भाव को समझकर पढ़ना चाहिए। विद्वानों को भी सही और मौलिक बातों को सामने लाना चाहिए। तभी लोगों की धारणा बदलेगी। दाराशिकोह उपनिषद पढ़कर भारतीय धर्मग्रंथों का भक्त बन गया था। इतिहास में उसका नाम उदार बादशाह के नाम से दर्ज है। फ्रेंच विद्वान जैकालियट ने अपनी पुस्तक ‘बाइबिल इन इंडिया’ में भारतीय ज्ञान विज्ञान की खुलकर प्रशंसा की है। 

पंडित, पुजारी बनने के ब्राह्मण होना जरूरी है : पंडित और पुजारी तो ब्राह्मण ही बनेगा, लेकिन उसका जन्मगत ब्राह्मण होना जरूरी नहीं है। यहां ब्राह्मण से मतलब श्रेष्ठ व्यक्ति से न कि जातिगत। आज भी सेना में धर्मगुरु पद के लिए जातिगत रूप से ब्राह्मण होना जरूरी नहीं है।




















Wednesday 10 August 2016

मजाक-मजाक में

            🌷शराब पीने के फायदे🌷

1. शराब व्यक्ति की नैसर्गिक प्रतिभा को बहार निकलता है| जैसे कोई अच्छा डांसर है लेकिन अपनी शर्म की वजह से लोगो के सामने नहीं नाच पाता, दो घूंट अन्दर जाते ही अपना ऐसा नृत्य पेश करता है कि उसके सामने माइकल जेक्सन भी पानी न मांगे।

ऐसे कई उदहारण आपने शादी-विवाह के अवसर पर शराबियों को नृत्य करते हुए देखा होगा।

कोई नागिन बनकर जमीन में लोटता है,

कोई घूँघट डाल कर महिला नृत्य पस्तुत करता है,

जो शेयर - ओ - शायरी और साहित्यिक बातें सामान्य अवस्था में नहीं की जाती, शराब पीने के बाद कई लोगो को बड़ी बड़ी साहित्यिक बातें शेयर - ओ - शायरी भी करते देखा गया है।

2. शराब व्यक्ति के आत्मविस्वास को कई गुणा बढ़ा देती है।

दो घूंट अन्दर जाते ही चूहे की तरह डरने वाला डरपोक से डरपोक व्यक्ति भी शेर की तरह गुर्राने लगता है।

शराब पीने के बाद कई पतियों को अपनी पत्नी के आगे गुर्रारते हुए देखा गया है।

3. शराब व्यक्ति को प्रकृति के करीब लाता है।

दो घूंट अन्दर जाते ही शराबियो का प्रकृति प्रेम उभर कर सामने आ जाता है कई शराबी शराब का आनंद लेने के बाद ज़मीन, कीचड़, नाली आदि प्राकृतिक जगहों पर विश्राम करते पाए जाते है।

4. शराब व्यक्ति की भाषाई भिन्नता को कम कर देता है जो लोग अंग्रेजी बोलना तो चाहते है लेकिन नहीं बोल पाते, अंग्रेजी बोलने में हिचकिचाहट महसूस करते है दो घूंट अन्दर जाते ही ऐसी धरा प्रवाह अंग्रेजी बोलने लगते है कि बड़े से बड़ा अंग्रेज़ भी शरमा जाये ऐसे कई लोगो से आपका पाला पड़ा होगा।

5. शराब व्यक्ति को दिलदार बनाती है।

कंजूस से कंजूस व्यक्ति भी दो घूंट अन्दर जाते ही किसी सल्तनत के बादशाह की तरह व्यवहार करने लगता है।

ऐसे लोगो के जेब में भले फूटी कौड़ी न हो लेकिन ये लोग ज़माने को खरीदने में पीछे नहीं हटते है।

      🌷केजरी की हास्य कविताएँ🌷

माँ मुझको तू मफलर दे दे, मैं भी CM बन जाऊँगा,

झाड़ू लेकर हाथो में मैं भ्रष्टाचार मिटाऊंगा ,

खो खो करता खाँस-खाँस के केजरीवाल बन  जाऊँगा,

मुश्किल कुछ भी आएगी तो मोदी को दोषी ठहराऊँगा,

माँ मुझको तू मफलर.....

घटना जब होगी दादरी सी भौं भौं कर चिल्लाऊँगा,

मालदा की घटना पे अम्मा मैं बिल में छुप जाऊँगा,

दिल्ली में हों ठण्ड से मौतें, कुछ ना ध्यान लगाऊँगा,

रोहित दलित की आत्महत्या पे हैदराबाद मैं जाऊंगा,

माँ मुझको तू मफलर.......

सीबीआई के छापे पे मैं मोदी को गरियाऊंगा,

अम्मा जांच करा के मैं जेटली को फसवाऊँगा,

अपनी पार्टी के भ्रष्टाचार की इंटरनल जांच कराऊँगा,

माँ मुझको तू मफलर......

अगर समझती है तू अम्मा कंजर मैं बन जाऊंगा,
खुद स्याही फिकवा के मोदी पे आरोप लगाऊंगा,

काम नही करूँगा अम्मा बस नोटँकी दिखाऊँगा,

मतलब कहने का है माँ रायता यूँ ही फैलाउंगा,

माँ मुझको तू मफलर दे दे केजरीवाल बन जाऊंगा.....

                     🌷🌷🌷🌷🌷

केजरी का एक घंटे तक कोई ट्वीट नहीं आता तो मुझे चिंता होने लगती हैं कहीं मोदी जी ने केजरी को टपका तो नहीं दिया है।

                     🌷🌷🌷🌷🌷

मैं तो स्मार्ट फोन को उस दिन स्मार्ट मानूंगा, 😎
.
जब मैं चिल्लाऊंगा - फोन...!! कहां है बे?? 😒
.
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.
और फोन आवाज लगायेगा-
.
ये रहा, यहां तकिये के नीचे
गाना डाउनलोड कर रहा हूँ मालिक 😅

                    🌷🌷🌷🌷🌷

पप्पू दारू पी के ताला खोलने लगा, 🍺🍻
हाथ कापने की वजह से ताला नही
खुला, 🔒
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संता- मैं खोल दूँ, 😌
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पप्पू- मैं खोल लूँगा,😒
तू घर को पकड़,
साला बहुत हिल रहा है...😅

                    🌷🌷🌷🌷🌷

बेबी को बेस पसंद है
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केजरी को केस पसंद है

मोदी को देश पसंद है

लालू को भैंस पसंद है

                      🌷🌷🌷🌷🌷

आजकल घर बैठे मोबाईल सें बुक कराके कुछ भी मंगा लो...।

मैं होटल मे फ़ोन लगाया...tring tring..

मोतीस्वीट्स मे आपका स्वागत है कहिए क्या चाहिए।

मीठा चाहिए।

लड्डू के लिए एक दबाए
रसगुल्ला के लिए दो दबाए
गुलाबजामुन के लिए तीन।
मैने कहा लड्डू चाहिए।
बूंदी के लिए एक दबाए
मगज के लिए दो दबाए
सोंठ के लिए तीन।
मैने एक दबाया..बूंदी चाहिए।

एक पाँव के लिए एक दबाए
एक किलो के लिए दो दबाए
एक क्विंटल के लिए तीन।

मोर ले गलती से तीसरा बटन दबगे। ....😬ए ददा एक क्विंटल भेज दिही साले हा कहिके फ़ोन ल बंद करदेव।
दूं मिनट मे ओ डहर ले फ़ोन आगे -

 आपसे एक क्विंटल लड्डू का आर्डर मिला है पता बताए।

मे कहेव -मे तो फोन ही नहीँ किया हूँ।

आपके भाई ने किया होगा इसी नंबर से था..अपने भाई को फ़ोन दीजिए।

मे कहेव-हम लोग छे भाई है
बड़े से बात के लिए एक दबाए
उससे छोटे के लिए दो दबाए।
उससे छोटे के लिए तीन
उससे छोटे के लिए चार

        🌷एक जूते की अभिलाषा 🌷

चाह नहीं है विश्व सुंदरी के
पैरों में पहना जाऊं।

चाह नहीं शादी में चोरी
होकर साली को ललचाऊं।

चाह नहीं अब सम्राटों के
चरणों में रख्खा जाऊं।

चाह नहीं अब बड़े मॉल में
बैठ भाग्य पर इठलाऊं।

मजबूती से मुझे उठाकर
उनके मुंह देना तुम फेंक....

जो वोट मांगकर चले गए
अब बेच रहे है अपना देश।

              🌷एल.एल.बी. की पढ़ाई🌷
.
प्रोफेसर : "अगर तुम्हें किसी को संतरा देना हो, तो क्या बोलोगे...?
.
छात्र : "ये संतरा लो...। 🙂🙂
.
प्रोफेसर : नहीं...
एक वकील की तरह बोलो...।
.
.
छात्र : मैं सुकालुराम पुत्र दुकालुराम निवासी गाँव बेलसोंडा, छ०ग० एतद् द्वारा, अपनी पूरी रुचि व होशो-हवास में और बिना किसी के डर एवम् दबाव में आए इस फल, जो कि संतरा कहलाता है, और जिस पर मैं पूरा मालिकाना हक़ रखता हूँ, को उसके छिलके, रस, गूदे और बीज सहित आपको देता हूँ और इसके साथ ही आपको इस बाबत सम्पूर्ण व बिना शर्त अधिकार भी देता हूँ कि आप इसे काटने, छीलने, फ्रिज में रखने या खाने के लिये पूरी तरह स्वतंत्र हैं...।
आप यह अधिकार भी रखेंगे कि आप किसी भी अन्य व्यक्ति को यह फल इसके छिलके, रस, गूदे और बीज के बिना या उसके साथ दे सकते
हैं..।
मैं घोषणा करता हूँ कि आज से पहले इस संतरे से संबंधित किसी भी प्रकार के वाद विवाद, झगड़े की समस्त जिम्मेदारी मेरी है और आज के बाद मेरा किसी भी प्रकार से इस संतरे से कोई सम्बन्ध नहीं रह जाएगा...।
.
.
प्रोफेसर : प्रभु आपके चरण कहाँ हैं...?

                     🌷🌷🌷🌷🌷

जब एक भटके हुए, प्रचण्ड टटपूंजीए, भ्रमित, नौटंकी नेता ने पूछा, " सब हवाबाजी है, ग्राउंड पर काम नहीं दिखता मोदी का"

" आप को ग्राउंड पर काम देखने के लिए एक जगह जाना पड़ेगा"

" कहाँ?"

" यहाँ से नाक की सीध में 49 मीटर जाओ. वहां जनलोकपाल चौराहा मिलेगा, वहां से U-टर्न लेना और शहीद इशरत जहाँ मार्ग पकड़ लेना. चलते चलते ' महिला सुरक्षा कमांडो' का ऑफिस आएगा, वहां पर odd-even घोटाले वाले 20 हजारी सिविल वालंटियर्स खड़े मिलेंगे. वो तुम्हे वहां पर लगे 15 लाख CCTV केमरों से देखकर दिल्ली में उपलब्ध मुफ्त वाई-फाई का पासवर्ड बताएँगे. उसका इस्तेमाल करते हुए तुम्हे एक एक कमरे का मकान मिलेगा, जहाँ एक आम आदमी CM बिना किसी सिक्योरिटी, बिना कार, बिना ड्रायवर, बिना AC के रह रहा होगा. उसके अंगना में एक गुफा है, गुफा के सामने " लालू यादव ईमानदार है' इसका उच्चारण तीन बार जोर से करने पर दरवाज़ा खुल जायेगा. अंदर प्रवेश करने पर तुम्हे मोदी का किया हुआ काम ग्राउंड पर दिखाई देने लगेगा"।

                     🌷🌷🌷🌷🌷

शांतिदूत : चल आयत सुना नहीं तो गोली मार दूंगा 🔫🔫😠😡

विद्यार्थी : "ऐसा चतुर्भुज जिसकी
आमने सामने की भुजाएँ बराबर हो किन्तु लम्बाई चौड़ाई से अधिक हो तथा प्रत्येक कोण 90 डिग्री का हो, आयत कहलाता है" 😂

शांतिदूत ने खुद को गोली मार ली  🔫😁😂

                     🌷🌷🌷🌷🌷

😝😝😂😂
डॉक्टर :- ''तुम पागल कैसे हुए ?''
पागल :- ''मैंने एक विधवा से शादी की,
उसकी जवान बेटी से मेरे बाप ने शादी कर ली !
इस तरह मेरा बाप मेरा दमाद बन गया
और मेरी बेटी मेरी माँ बन गई........॥
उनके घर बेटी हुर्इ तो वो मेरी बहन हुई,
पर मैं उसकी नानी का शौहर था,
इसीलिये वो मेरी नवासी भी हुई........ ॥
इसी तरह मेरा बेटा अपनी दादी का भाई बन गया,
और मैं अपने बेटे का भाँजा
और मेरा बेटा अपने दादा का साला बन गया
और......
डॉक्टर :- ''चुप कर साले....
तु मुझे भी पागल करेगा क्या ?'😂😂😅😇

                 
            🌷छत्तीसगढिया मानसून🌷

बऊग बतर के किरनी मन,
दिया बाती म झपावत हे !
हमरो छत्तीसगढ म संगी,
मानसून अब आवत हे।। ☔☔☔⛅⛅⚡⚡

🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿
चेंच, चरोटा आनि -बानि,
भाजी -पाला उलहोवत हे।
दीदी, बहिनी, दाई मन ह,
बारी  बखरी  बोंवत हे।।
 गाय, गरू, अऊ बइला, भइंसा,
बरदी म सकलावत हे।
हमरो छत्तीसगढ म संगी,
मानसून अब आवत हे।। ☔☔☔⛅⛅⚡

👫 लइका मन ह चिखला म,
घरघुंदिया बिकट बनाहीं।
🚣चलही कागज के डोंगा जब,
 गली  म  धार  बोहाही।।
🏤इस्कुल खुलगे जावव कइके,
 👪दाई -ददा जोजियावत हे।
 हमरो छत्तीसगढ म संगी,
मानसून अब आवत हे।। ☔☔☔⛅⛅⚡

🐌 केकरा, घोंघी नींद ले जागे,
 🐞झेंगुरा, फांफा नाचय जी।
🐸 बेंगवा घर म घलो झमाझम,
कईसन डी. जे. बाजय जी।।
🐍पिटपिटी बिचारा का करय,
एति -ओति  मटमटावत हे।
हमरो छत्तीसगढ म संगी,
मानसून अब आवत हे।। ☔☔☔⛅⛅⚡

🌱ठूंडगा जम्मो रूख - राई मन,
🚿पलखर   बने  नहाहीं।
🍃नवा -नवा डारा, पाना म,
तन ल अपन सजाहीं।।
खेत-खार, भाँठा -पर्या सब,
लकर-लकर हरियावत हे।
हमरो छत्तीसगढ म संगी,
मानसून अब आवत हे।। ☔☔☔⛅⛅⚡

🍪🍅
अँगाकर रोटी, पताल के चटनी,
किसान "लंच " म लाए हे।
📱धान छिंचत धरे मोबाइल,
🎵पसंद के गाना चलाए हे।।
🚜टेक्टर करत हे बोनी -बखनी,
🐮नांगर -बइला सुरतावत हे।
हमरो छत्तीसगढ म संगी,
मानसून अब आवत हे।। ☔☔☔⛅⛅⚡

बऊग बतर के किरनी मन,
दिया बाती म झपावत हे !
हमरो छत्तीसगढ म संगी,
मानसून अब आवत हे।। ☔☔☔⛅⛅⚡
#हमर_छत्तीसगढ़

         🌷पाकिस्तान का राष्ट्रीय गान🌷

... सारे जहाँ से "लुच्चा" पाकिस्तान हमारा, हमारा सारे जहाँ से लुच्चा।

हम "जानवर" हैं इसके , ये "चिड़ियाघर"हमारा-हमारा, सारे जहाँ से लुच्चा।

मज़हब हमें सिखाता "आतंकवाद" फैलाना
मजहब हमें सिखाता "आतंकवाद" फैलाना

 "नामर्द" है हम, नामर्द हैं हम वतन के, "तालिबान" माईबाप हमारा-हमारा

 सारे जहाँ से "लुच्चा"... "पाकिस्तान" हमारा-हमारा सारे जहाँ से लुच्चा।

                     🌷🌷🌷🌷🌷
       
खरगोश बम लेकर चिड़ियाघर में घुस गया और जोर से चिल्लाया,
.
तुम सबके पास यहां से.निकलने के लिए केवल "एक मिनट" का टाइमहै।.
.
उसकी बात सुनकर कछुआ बोला,..
.
.
वाह रे साले ।।।.
सीधे बोल न कि मैं ही टारगेट हूं।.
बचपन की हार का बदला लेने आया है 😒 😂
           
                    🌷🌷🌷🌷🌷

संता ने एक बार अपना कच्छा धो कर अपनी पडोसन के
तार पर डाल दिया  😜 😜 😜
.
.
.
उसी तार पर पडोसन की सलवार भी सुख रही थी 😂
.
.
संता जाते जाते पडोसन से बोला भाभी जी आप जब अपनी सलवार उतारो तो
.
 मुझे आवाज़ लगा देना
मै भी अपना कच्छा उतार लूँगा 😂

            🌷हेलमेट पहनने के फायदे🌷

१ सुरक्षित यात्रा.
२ पुलिस परेशान नही करती.
३ उधार वाले नही पहचान पाते.
४ गर्लफ्रेंड के मां-बाप भाई नही पहचान पाते.
५ गंजापन छुपा सकते हो.
६ घर वापसी के समय उल्टा करके अालू प्याज टमाटर रख लो.
७ चश्मे की जरूरत नही.
८ किसी को नमस्ते करने की जरूरत नही.करोगे तो पहचानेगा नही.
९ गाड़ी बिगड़ने पर उसे कुर्सी बनालो.
१० और कितना फायदा लोगे.
🙏🏼चलो हेलमेट पहनो 🙏🏼


                    🌷🌷🌷🌷🌷

एक भैंस घबराई हुई जंगल मे भागी जा रही थी
एक चूहे ने पूछा : क्या हुआ बहन कहाँ भागे जा रही हो?
भैंस : जंगल मे पुलिस हाथी पकडने आई हें
चूहा : पर तुम क्यों भाग रहीं हो तुम तो भेंस हो?
भेंस : ये भारत हें भाई !
पकडे गये तो 20 साल तो अदालत मे ये सिद्ध करने मे ही लग जायेंगे कि
" मैं हाथी नही भेंस हूँ "
"OMG" यह सुन भेंस के साथ चूहा भी भागने लगा
😂 😃 😂 😃 😂















































Wednesday 4 May 2016

BEAUTY TIPS

       सौन्दर्यवर्धक घरेलु नुस्खे

शहद, नींबू और अंडा –

एक चम्मच नींबू का रस, एक अंडा और एक चम्मच शहद को अच्छे से मिलाएँ और इसे चेहरे पर लगाएँ।
यह चेहरे की त्वचा को टाइट करने के साथ-साथ झुर्रियों को भी हटा देता है।

नींबू और हल्दी –

गरम पानी में 3 चम्मच नींबू का रस और एक चम्मच हल्दी मिलाकर चेहरे पर लगाएँ और 15-20 मिनट बाद धो लें।

टमाटर –

इंस्टेंट ग्लो पाने के लिए टमाटर के गूदे को चेहरे पर 20 मिनट तक लगाकर रखें सूखने के बाद इसे ठंडे पानी से धो लें। टमाटर एक नेचुरल ब्लीचिंग है जो चेहरे की रंगत निखारने का काम करता है।

टमाटर और शहद –

टमाटर चेहरे के लिए बेहद लाभदायक है। 
4 चम्मच टमाटर के रस में 1 चम्मच शहद मिलाकर चेहरे पर लगाएँ। इस उपाय से चेहरे पर चमक आ जाती है।

नींबू और शहद –

शहद का एंटी बैक्टीरियल तत्व जहाँ चेहरे के दाग धब्बों को हटाता है वहीँ नींबू ब्लीचिंग का काम करता है। दोनों को मिक्स कर लगाएँ और 20-30 मिनट बाद धो लें।
चेहरे पर नजर आ रहे अलग से निखार को आप खुद ही महसूस करेंगे साथ ही यह चेहरे की झुर्रियों को भी दूर करता है।

पपीता और शहद –

पके पपीते का गुदा निकालकर उसे अच्छे से मसल लें और उसमें शहद मिलाकर उसका पेस्ट बना लें। इसे चेहरे पर लगाकर 15 मिनट रखें फिर ठंडे पानी से धो लें। चेहरे पर अलग ही रौनक नजर आएगी।














Monday 2 May 2016

जीवन का आनन्द कैसे उठाएँ

         जीवन का आनन्द कैसे उठाएँ

एक इंसान जीवन में क्या चाहता है - ख़ुशी। हर इंसान अपने जीवन में ख़ुशी चाहता है जीवन का भरपूर आनन्द उठाना चाहता है। यहाँ मैं आपसे एक आइडिया शेयर करना चाहता हूँ कि हम जीवन का आनन्द कैसे उठा सकते हैं।
                     एक इंसान अपने जीवन में सबसे अधिक आनन्द किसके साथ उठाता है ? मेरे ख्याल से अपने जीवनसाथी के साथ या फिर अपने दोस्तों के साथ।
जीवन साथी के साथ आनन्द तो शादी के बाद उठाया जा सकता है लेकिन शादी के पहले हम सबसे अधिक आनन्द अपने दोस्तों के साथ उठा सकते हैं। आमतौर पर आपने महसूस किया होगा कि इन्सान (युवा लड़के या लड़कियाँ) अपने परिवार या घरवालों की अपेक्षा अपने दोस्तों के साथ अधिक खुलकर मौज मस्ती करता है अधिक आनन्द उठाता है। जबकि घरवालों के साथ अर्थात माता-पिता और भाई-बहन के साथ जब कोई व्यक्ति घूमने जाता है तो उसे एक मर्यादा में, एक बंधन या अनुशासन में रहना पड़ता है। अपने घरवालों के साथ वह कंफर्टेबल महसूस नहीं करता। वैसे भी हमारे जीवन में दोस्तों का अपना अलग महत्व होता है। हमारे माता-पिता और भाई-बहन दोस्तों की कमी को पूरा नहीं कर सकते। माता-पिता और भाई-बहन का महत्व अपनी जगह है और ऐसा भी नहीं है कि हम उनके साथ जीवन का आनन्द नहीं उठाते। लेकिन आमतौर पर और अधिकतर एक व्यक्ति अपने प्रेमी/प्रेमिका, पति/पत्नी या फिर अपने दोस्तों के साथ अधिकार Quality Time बिताता है।

इस प्रकार हम देखते हैं कि शादी के पहले एक लड़का अपनी प्रेमिका/गर्लफ्रेंड या फिर अपने दोस्तों के साथ क्वालिटी टाइम बिताता है उसी तरह एक लड़की अपने प्रेमी/बॉयफ्रेंड या अपनी सहेलियों के साथ क्वालिटी टाइम बिताती है।
लेकिन हमारा परिवार और समाज विवाह पूर्व प्रेम संबंधों को मान्यता और अनुमति नहीं देता। और 99% लोग प्रेम में असफल होते हैं और दुःख कष्ट सहते हैं इसलिए हमें शादी से पहले प्यार-मोहब्बत के चक्कर में पड़कर दुःखी होने से बचना चाहिए। शादी से पहले हमें सबसे ज्यादा ध्यान पढाई-लिखाई, एक्सरसाइज कर अच्छा हेल्थ बनाने और पर्सनालिटी डेवलपमेंट पर देना चाहिए। 
लेकिन हम यहाँ पर बात कर रहे हैं लाइफ को इन्जॉय करने की, जीवन का आनन्द उठाने की और हमने देखा कि एक इंसान सबसे ज्यादा अपने दोस्तों के साथ लाइफ को इन्जॉय करता है। इसलिए मैं यहाँ जीवन का आनन्द उठाने के लिए 3 दोस्तों का आइडिया प्रस्तुत कर रहा हूँ।
              
                  इस आइडिया के अनुसार हर व्यक्ति के कम से कम 2 जिग्री दोस्त या घनिष्ठ मित्र होने चाहिए अर्थात 3 दोस्तों का एक समूह होना चाहिए ताकि उन दोस्तों के साथ हम अपने जीवन में हर अवसर का भरपूर आनन्द उठा सकें।
मान लीजिए की A, B और C तीन दोस्त हैं। अर्थात A के 2 दोस्त हैं B और C। B के 2 दोस्त हैं A और C इसी तरह C के भी 2 दोस्त हैं A और B। इसी प्रकार हर लड़का का कम से कम 2 जिगरी दोस्त होना चाहिए और हर लड़की की कम से कम 2 पक्की सहेली होना चाहिए यानी 3 दोस्तों का एक समूह होना चाहिए।
आप तीनों को एक दूसरे की हर प्रकार से मदद करनी चाहिए एक दूसरे पर जान छिड़कना चाहिए। सारी दुनिया एक तरफ और आप तीनों की दोस्ती एक तरफ।

किसी भी दोस्ती के रिश्ते में 5 बातें होना अनिवार्य है इसके बिना दोस्ती नहीं टिक सकती। 
पहला – नि:स्वार्थता
दूसरा – दरियादिली
तीसरा – हर सुख-दुःख में एक दूसरे का साथ देना, एक दूसरे की मदद करने के लिए कुछ भी कर गुजरने का भाव।
चौथा – एक दूसरे पर पूर्ण और अटूट विश्वास जहाँ संदेह के लिए कोई स्थान न हो। 
और पाँचवा एक दूसरे को समय देना, साथ में समय गुजरना, Quality time spend करना। 
इन पाँचों गुणों के बारे में हम थोड़ा विस्तार से चर्चा करते हैं। 
पहला गुण जो दोस्ती के लिए जरुरी है वह है नि:स्वार्थ होना। यदि हम स्वार्थी होंगे केवल अपनी ही सुविधा और स्वार्थ का ध्यान रखेंगे तो हम अच्छे दोस्त नहीं बन पाएँगे। स्वार्थी मित्रों की दोस्ती ज्यादा दिन नहीं चलेगी। इसलिए हमें अपनी सुविधा का नहीं अपने दोस्तों की सुविधा का ध्यान रखना चाहिए, उनकी भावनाओं और समस्याओं को समझना चाहिए। जैसा कि रामायण में कहा गया है – "मित्र के धूल के समान दुःख को भी पर्वत समान समझना चाहिए और अपने पर्वत समान दुःख को मित्र के दुःख के सामने धूल समान समझना चाहिए।"
                    
                  दूसरा गुण जो मित्रता के लिए जरुरी है वह है दरियादिली अर्थात उदार होना बड़े दिल वाला होना। अपने दोस्तों पर पैसा या समय खर्च करने में उदार होना, कंजूसी न करना और अपने पास उपलब्ध वस्तुओं से दोस्त की मदद करना। 
तीसरा गुण है अपने दोस्त के हर प्रॉब्लम या दुःख तकलीफ में उसका साथ देना, उसे असहाय न छोड़ना। 

चौथा गुण है एक दूसरे पर अटूट विश्वास। आप तीनों की गहरी दोस्ती से कुछ लोगों को ईर्ष्या हो सकती है और आपकी दोस्ती में फुट डालने के लिए वे आप लोगों को एक दूसरे के खिलाफ भड़का सकते हैं। आप लोगों के बीच ग़लतफ़हमी पैदा कर सकते हैं। आपको इन बातों से सावधान रहना चाहिए। किसी व्यक्ति के द्वारा अपने दोस्त के खिलाफ आपको एक शब्द भी नहीं सुनना चाहिए और तुरन्त उस व्यक्ति का विरोध करना चाहिए कि वह आपके दोस्त के खिलाफ एक शब्द भी कहने का दुस्साहस न करे। कोई आपके दोस्त को गाली दे तो आपका दोस्त भले ही उसे कुछ न कहे लेकिन आपको उस व्यक्ति से लड़ पड़ना चाहिए।

पाँचवा गुण है एक दूसरे को समय देना, एक दूसरे से मिलते रहना, साथ में क्वालिटी टाइम बिताना। दोस्ती के पौधे को पनपने, बढ़ने और वृक्ष बनने के लिए आपस में मिलना और समय गुजारना बहुत जरूरी है।

आप अपने कार्यों में इतने व्यस्त न रहें कि अपने दोस्तों को समय ही न दें। रोज न सही तो हर 2-3 दिन में आपको अपने दोस्त से मिलना चाहिए। 
2-3 दिन में मिलना संभव न हो तो सप्ताह में एक बार जरूर मिलें। यदि आप दूर-दूर रहते हों अलग-अलग स्कूल/कॉलेजों में पढ़ते हों या अलग-अलग शहर में रहते हों तो महीने में कम से कम एक बार मिलें। बिना मेलजोल रखे तो मित्रता कायम नहीं रह सकती। गहरी मित्रता आपस में Quality Time spend किए बिना नहीं पनप सकती। 

तो ये तो हुई कुछ महत्वपूर्ण गुणों की बात जो दोस्ती को अटूट बनाए रखने के लिए जरुरी है। अब हम देखते हैं कि हम किस तरह अपने दोस्तों के साथ जीवन का आनन्द उठा सकते हैं। 
1. आप तीनों दोस्त साथ मिलकर पढ़ाई कर सकते हैं, ग्रुप स्टडी कर सकते हैं और पढ़ाई में एक दूसरे की मदद कर सकते हैं।

2. स्कूल या कॉलेज की पाठ्येत्तर गतिविधियों की आपस में रिहर्सल कर सकते हैं। जैसे - गाना, डांस, भाषण, एंकरिंग, नाटक, प्रेजेंटेशन आदि का आपस में मिलकर अभ्यास कर एक दूसरे के व्यक्तित्व विकास में सहायता कर सकते हैं। 

3. साथ में कसरत कर सकते हैं, जिम जा सकते हैं या खेल सकते हैं।

4. कहीं भी घूमने जाना हो तो हमेशा तीनों दोस्त साथ में घूमने जाएँ। जैसे पार्क या गार्डन जाना, फ़िल्म देखने जाना, शॉपिंग करने जाना, मेला जाना, पिकनिक पर जाना, किसी धार्मिक, ऐतिहासिक, या प्राकृतिक दर्शनीय पर्यटन स्थल घूमने जाना आदि।

5. किसी भी त्यौहार या ख़ुशी के अवसर पर एक दूसरे से मिलना और आपस में खुशियाँ बाँटना।
                 साल में कम से कम 3 मौके ऐसे होते हैं जब आप अपने दोस्तों के साथ बहुत अधिक मौज-मस्ती कर सकते हैं और अपने लाइफ को एन्जॉय कर सकते हैं। 
पहला एक दूसरे के जन्म दिन के अवसर पर,
दूसरा फ्रेंडशिप डे के दिन 
और तीसरा नये साल के दिन।
अपने दोस्त को उसके जन्मदिन की बधाई देना कभी न भूलें। भले ही आपके दोस्त को अपना खुद का जन्मदिन याद न रहे लेकिन आपको उसका जन्मदिन जरूर याद रहना चाहिए और उसे बधाई देनी चाहिए। कोई महंगे गिफ्ट देना जरुरी नहीं है आप एक पेन या डायरी भी दे सकते हैं या अपने दोस्त को बेल्ट पर्स या गॉगल दे सकते हैं। 
               अपने या अपने दोस्त के जन्म दिन को आप कई तरह से मना सकते हैं। जैसे घर में केक काटना, नाश्ता-पानी करना डांस करना या गप मारना। कोई गार्डन या पार्क जाना